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Tuesday, July 31, 2012

मिस्र के मुसलमानों की मेहनत और क़ुरबानी किया ऐसे निजाम के लिए थी


मिस्र के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी ने सेकुलरिज्म के प्रति अपनी प्रतिबधता ज़ाहिर की है .उन्होंने कहा है की पश्चिमी समाज के लोगों को अपनी मज़हबी छुट्टियों में अपने कल्चर को बढ़ावा देने की खुली छुट होगी . समुद्र के किनारे ये लोग अर्दनग्न होकर टहल सकते हैं नाईट क्लब , बार (नाच गाना ), शराब खाने उनके लिए हुकूमत की तरफ से बिलकुल मुफ्त दस्तयाब होंगे. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.


मुर्सी ने ये भी कहा ..



ये मुल्क और हुकूमत अल्लाह का इनाम है और अब यहाँ कानून शरियत के अनुसार चलेंगे ..



कोई इनसे पूछे की किया शरियत पैसा कमाने के लिए इस बेहयाई की इजाज़त देती है ?..यकीनन नही ,तो फिर ये लोग जिनको मिस्र के अवाम ने इस्लाम के नाम पर वोट दिया है किस शरियत की बात कर रहे हैं. इस पर गोरो फ़िक्र की ज़रुरत है मिस्र के मुसलमानों की मेहनत और क़ुरबानी किया ऐसे निजाम के लिए थी जिसमे बेहयाई और बेगेरती के नंगे नाच हों ..मिस्र के मुसलमानों ने इस्लाम के नाम पर मुर्सी को वोट दिया था..सेकुलरिज्म या डेमोक्रेसी के लिए नही.



किया ऐसे लोग और ऐसी पार्टी अल्लाह की मदद के लायक हो सकती है, किया राष्ट्रपति मुर्सी उस UNO से ताल्लुक तोडेंगे जिसका कयाम ही इस्लाम दुश्मन और यहूदी रियासत इस्राएल बनाने के लिए हुआ था और जो तंजीम दुनिया में बद अमनी की ज़िम्मेदार है.

जनाब मुर्सी राष्ट्र के नाम अपने पहले ख़िताब में फरमाते हैं की मिस्र की ये नयी हुकूमत तमाम बेनुल अक्वामी मुआहिदों का अहतराम करेगी. तो किया वो बदनाम केम्प डेविड मुआहिदा भी अब इस इस्लाम पसंद हुकूमत के किए काबिल ए अहतराम हो गया जिसमे इस्राएल को एक रियासत तस्लीम किया गया है. इसके अलावा वो तमाम बेनुल अक्वामी मुआहिदे और फैसले जिन्होंने इराक , अफगानिस्तान , चेचन्या ,बोस्निया में मुसलमानों के खून की होली खिलवाई और दुनिया पर अमेरिका और इस्राएल की धाक और मुसलमानों के अन्दर दहशत बिठवाई अब इखवान और मुर्सी के लिए काबिल इ अहतराम होंगे..?



मुझे याद है आज से चंद सालों पहले तुर्की में भी तय्यब अर्दोगन की पार्टी जस्टिस एंड देवेलोप्मेंट पार्टी को भी दुनिया ने और उन्होंने खुद भी अपने इस्लामिक पार्टी कहा था , मुसलमानों ने जज्बा दिखाया और उन्हें इक्तिदार ए आला तक पहुंचा दिया. आज उसी इस्लामिक पार्टी की आर्मी इराक और अफगानिस्तान में इस्लाम दुश्मन संगठन नाटो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर मुसलमानों पर आग के गोले बरसा रही है.



या अल्लाह मुसलमानों को ऐसे इस्लाम पसंद और ऐसे इस्लामी निजाम वालों से बचा. और अपनी तरफ से कोई निजात दिहंदा भेज जेसे माजी में तुने खुलफा ए राशीदीन और नेक ओ स्वालेह खलीफा और सुल्तान भेजे ..



अल्लाह मिस्र ओ शाम समेत तमाम दुनिया के हुक्मरानों को अक्ल ए सलीम अता करे ...आमीन या रब्बुल आलमीन ..

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